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_cरु. 55/-
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100 _aजोशी, शरद
245 _aहम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे
_cजोशी, शरद
260 _aदिल्ली
_bभारतीय ज्ञानपिठ प्रकाशन
_c1995
300 _a144 प
504 _aजोशी, शरद: हम भ्रष्टन के भ्रष्ट हमारे. दिल्ली. भारतीय ज्ञानपिठ प्रकाशन, 1995. ** रु. 55/---(823JOS)
650 _aHum Bhrashtan Ke Bhrashta Hamare
650 _aहिन्दी
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